संजय कुमार चौधरी
कालूखेड़ा :- देश भर में जहां पर दशहरे पर रावण दहन की परंपराएं प्रचलित है वहीं रतलाम जिले के जावरा तहसील के कालूखेड़ा गांव की यह गजब परंपरा है यहां पर महावीर जयंती पर दो दिवसी मेले के साथ रावण दहन का आयोजन होता है जो वर्षों पुरानी परंपराओं में शामिल है महावीर जयंती पर ग्राम कालूखेड़ा में मेले का आयोजन पिछले कहीं वर्षों से होता आ रहा है महावीर जयंती पर लगने वाले मेले में कई रंगारंग आयोजन भी आयोजित होते हैं अमीरों के लिए आर्केस्ट्रा का आयोजन मेले का प्रमुख आकर्षण होता है वही दूसरी ओर शाम 6:00 बजे गांव के श्री राम मंदिर से राम रेवाड़ी निकलते हैं बैंड बाजे के साथ ढोल नगाड़ों से के साथ गांव में भ्रमण करते हुए मेला स्थल पर पहुंचती हैं रावण दहन के पूर्व राम रावण के बीच में वाद विवाद संवाद भी होते हैं उसके उपरांत रावण का दहन करते हैं यहां पर खास बात यह रहती है कि आप पर रावण में खास बातें रहती है कि रावण का निर्माण मिट्टी से कराया जाता है कागजी पुतला नहीं बनाते हैं गांव के ठाकुर के के सिंह जी इसके संरक्षक के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं …