निप्र :- डॉ. प्रदीप बाफना
बड़ावदा :- रविवार को नवपद ओलीजी के सप्तम दिवस चैत्र सुदी तेरस को भगवान महावीर स्वामी का जन्मकल्याणक दिवस मनाया गया।साध्वी मा.सा.ने प्रवचन में बताया भगवान महावीर का मार्ग ही मोक्ष का मार्ग है , आजकल सिर्फ हम अंग्रेजी परम्पराओं में फंसे हुए है , हम खुद हमारे भगवान द्वारा बताया हुआ मार्ग भटक चुके है।महावीर के मार्ग पर चलने से ही मोक्ष की गति प्राप्त होगी आत्मा का कल्याण होता।जन्म जयंती व जन्म कल्याणक दिवस किसका बनाया जाता है विस्तारपूर्वक बताया।
यशेखर धाम दादावाड़ी से नगर के प्रमुख मार्गों से चल समारोह निकाला गया।चल समारोह में बैंड बाजो व ढोल की थाप पर युवा युवतियां नृत्य कर उल्लास मना रहे थे।महिला मंडल की श्राविकाएं सिर पर कलश धारण लिए केशरिया साड़ी व पुरुष वर्ग सफेद वस्त्र पहने चल रहे थे झंडा चोक में जुहारमल सकलेचा परिवार की और से संघ पूजा की गई। त्रिशला नन्दन वीर की -जय बोलो महावीर की,महावीर स्वामी का क्या संदेश-जीयो ओर जीने दो के जयकारो से चल समारोह निकाला गया । समारोह में जैन व अजैन बन्धुओं ने महावीर प्रभु के चलचित्र की गहुली की। सर्वप्रथम सुसज्जित गाड़ी में जयशेखर धाम में भगवान महावीर के चित्र पर माल्यापर्ण कर दीप प्रजवलित किया गया उसके बाद
गुणानवाद सभा मे साध्वी जी ने भगवान महावीर का जन्मकल्याणक वाचन किया गया जैसे ही भगवान का जन्म वाचन पूर्ण हुवा मांगलिक भवन में जयकारों के साथ सभी जन नृत्य कर उल्लास मनाया “बजे कुंडलपुर में बधाई” पर नृत्य करने में कोई अछूता नहीं था जन्म वाचन पृष्ट वोहराने के लाभार्थी बसंतीलाल चत्तर परिवार ने लिया । सर्वप्रथम अक्षत चढ़ाने के लाभार्थी पुखराज सकलेचा परिवार द्वारा लिया गया। पर्व हिंगड़ , युवान बाफना , मौनी सकलेचा , सुरभि सकलेचा , सुभाष सकलेचा ने भी अपने विचार रखे । डॉ प्रदीप बाफना ने जानकारी देते बताया कि मोहनलाल सकलेचा परिवार द्वारा आदिनाथ जैन मंदिर पर दोपहर में पूजा पढ़ाई गई ,साथ ही जंगली लसूडिया में मछलियों को दाना व आटा की गोलियां खिला कर दान पुण्य का कार्यक्रम हुआ। रात्री में प्रभु आरती एवं भजन भक्ति हुई।सकल श्री संघ का स्वामीवात्सल्य का आयोजन हुआ।संचालन विपुल सकलेचा ने किया।इस शुभ दिवस पर जैन अनुयायियों ने अपना व्यवसाई पूर्णतया बंद रखा।